कर्म फल भोगना पड़ता है /karm fal bhogna padta hai
कर्म फल भोगना पड़ता है /karm fal bhogna padta hai
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका आज हम आपको बता रहे है और सावधान कर रहे हैं अपने कर्मों के फलों से आज मैं आपको कर्मों के फलों के बारे में दो मोटिवेशनल स्टोरी बताऊंगा
एक आदमी रास्ते से जा रहा था
रास्ते के किनारे उसे आम का बगीचा दिखा
बड़ा सुंदर बगीचा था
उस आदमी ने पेड़ पर लगे फल देखे
अब आप विचार करो फल देखा किसने
आंखों ने आंखें ना होती तो फल दिखता ही नहीं
लेकिन उस पेड़ के पास क्या आप चलकर जा सकती थी नहीं तो चल कर गए कौन ॒॒-पाव
तो जिसने देखा वह गया नहीं
आंख ने देखा गए पाव
पाव जाए तो फल तोड़ सकते नहीं
देखा आपने गए पाओ फुल थोड़ा हाथ ने
इसका मतलब जिसने देखा वह गया नहीं जो गया उसने तोड़ा नहीं तोड़ा हाथ ने,
अच्छा हाथ को स्वाद मिल जाएगा
फल खट्टा है कि मीठा
हाथ को तो साथ नहीं मिलेगा
जिसने तोड़ा उसने चखा नहीं
देखा आखने गाये पाव
थोड़ा हाथ ने चका रसना ने
और यह अद्भुत बात जिसने चका उसने रखा नहीं
रखा पेट ने
इतने में बगीचे का माली आया और
चोरी से फल तोड़कर खाते हुए देखा
दबे पाव डंडा लेकर पीछे से आया
और उसने पीठ पर दो चार डंडे जमा दीऐ
अब बताओ इस पेट का लेना ना देना
पीट न लेने में न देने में
फल देखा आंख ने। गए पाव।।
तोडा हाथ में । चखा रसना ने।।
रखा पेट ने। और पिटे पीठ ।।
एक महात्मा से किसी ने यह कहानी सुनाई और महात्मा ने बताया इसी में तुम्हारा उत्तर है
कैसे थोड़ा सा आगे बढ़ो
पीठ पर डंडे की चोट लगी
तो दर्द हुआ
तो रोया कौन
आंसू कहां से निकले।
आंख से ही।।
तो चाहे जितने चक्कर के बाद मिले
फल उसी को मिलेगा जिसका गुनाह है.......
कर्म फल भोगना पड़ता है.......
Motivational story in Hindi| Sonu Sharma sir
एक आदमी मछली पकड़ रहा था
मछली पकड़ते पकड़ते उसने ताजी ताजी मछली पकड़ी ताजी ताजी मछली पकड़ते ही दूसरा आदमी आया दूसरे आदमी ने उसके हाथ से मछली छीन ली
अब जैसे मछली उसके हाथ से छिनी,
बोला क्यों।।
बोला चल मुझे दे दे
इसको अपनी शक्ति दिखाएं मछली छीन ली
और जाने लगा,
अभी मछली जिंदा थी थोड़ा-थोड़ा फड़फड़ा रही थी मछली ने उसके अंगूठे में काट दिया
छूट गई मछली जख्म हुआ डॉक्टर के पास गया
डॉक्टर ने अंगूठे पर पट्टी कर दी और बोला 3 दिन बाद आइए देखते हैं
3 दिन बाद दोबारा गया जख्म दिखाया और ताजा हो गया
डॉक्टर ने बोला इसको काटना पड़ेगा अगर यह नहीं काटा तो हाथ यहां तक जाएगा
मरता क्या न करता अंगूठा काटा फिर बैंडेज की गई
डॉक्टर ने कहा 3 दिन बाद आओ
3 दिन बाद फिर आया
जख्मो खोला गया और ताजा हो गया
डॉक्टर ने बोला यह पूरा काटना पड़ेगा वरना यह यहां तक जाएगा
उसने बोला काटो रास्ता नहीं है यह काटा गया बैंडेज किया गया
डॉक्टर ने कहा 4 दिन बाद आओ
4 दिन बाद फिर पहुंचा
पट्टी खोली गई जख्म वैसे का वैसा
डॉक्टर ने बोला अब पंजा काटना पड़ेगा वरना पूरा का पूरा हाथ जाएगा
पंजा काटा गया पट्टी करी गई
डॉक्टर ने कहा 4 दिन बाद आओ
4 दिन बाद गया देखा वैसे का वैसा
डॉक्टर ने कहा बाजू काटनी पड़ेगी नहीं तो शरीर जाएगा बाजू कट गई.....
किसी ने बोला तुझसे कोई गलती तो नहीं हो गई यह क्या हो रहा है कुछ गलती तो नहीं कर बैठा
उसने बोला हां एक गलती तो हुई थी किसी की मछली पर हाथ मारा था
मेहनत उसकी थी,/खाना मैं चाहता था
मछली उसकी थी खाना मैं चाहता था
बोला ढूंढ जा नाक रगड़ यह गया
ढूंढा ढूंढा उसको मिला पैरों में गिर गया
उससे पूछा तूने क्या किया तुझको कोई तंत्र मंत्र आता है तूने क्या किया मेरे साथ
कोई श्राप दीया कोई बद्दुआ दी तूने क्या किया
उसने बोला मैंने कुछ नहीं कहा
ऊपर देखा और बोला हे भगवान इसने मुझे अपनी ताकत दिखाई है
तू इसे अपनी ताकत दिखा दे
कर्म फल भोगना पड़ता है बस कैरेक्टर में रहिए.
Short motivational story in Hindi | Sandeep maheswari
एक आदमी रास्ते से जा रहा था
रास्ते के किनारे उसे आम का बगीचा दिखा
बड़ा सुंदर बगीचा था
उस आदमी ने पेड़ पर लगे फल देखे
अब आप विचार करो फल देखा किसने
आंखों ने आंखें ना होती तो फल दिखता ही नहीं
लेकिन उस पेड़ के पास क्या आप चलकर जा सकती थी नहीं तो चल कर गए कौन ॒॒-पाव
तो जिसने देखा वह गया नहीं
आंख ने देखा गए पाव
पाव जाए तो फल तोड़ सकते नहीं
देखा आपने गए पाओ फुल थोड़ा हाथ ने
इसका मतलब जिसने देखा वह गया नहीं जो गया उसने तोड़ा नहीं तोड़ा हाथ ने,
अच्छा हाथ को स्वाद मिल जाएगा
फल खट्टा है कि मीठा
हाथ को तो साथ नहीं मिलेगा
जिसने तोड़ा उसने चखा नहीं
देखा आखने गाये पाव
थोड़ा हाथ ने चका रसना ने
और यह अद्भुत बात जिसने चका उसने रखा नहीं
रखा पेट ने
इतने में बगीचे का माली आया और
चोरी से फल तोड़कर खाते हुए देखा
दबे पाव डंडा लेकर पीछे से आया
और उसने पीठ पर दो चार डंडे जमा दीऐ
अब बताओ इस पेट का लेना ना देना
पीट न लेने में न देने में
फल देखा आंख ने। गए पाव।।
तोडा हाथ में । चखा रसना ने।।
रखा पेट ने। और पिटे पीठ ।।
एक महात्मा से किसी ने यह कहानी सुनाई और महात्मा ने बताया इसी में तुम्हारा उत्तर है
कैसे थोड़ा सा आगे बढ़ो
पीठ पर डंडे की चोट लगी
तो दर्द हुआ
तो रोया कौन
आंसू कहां से निकले।
आंख से ही।।
तो चाहे जितने चक्कर के बाद मिले
फल उसी को मिलेगा जिसका गुनाह है.......
कर्म फल भोगना पड़ता है.......
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